नरेन्द्र सिंह नेगी जी का यह भावपूर्ण गाना उनकी आडियो कैसेट “नयुं नयुं
ब्यो छ” में आया था.
एक नवविवाहिता अपने मायके आई है, अब उसके वापस
ससुराल जाने का दिन आ पहुंचा है. नवविवाहिता अभी किशोरावस्था में ही है,
उसे पैदल ही ससुराल तक जाना है और साथ में कोई परिचित भी नहीं है. इस दशा
में युवती के पिता की चिन्ता स्वाभाविक है. युवती का पिता उसे सुबह जल्दी उठकर
तैयारी करने के लिये कहता है, साथ ही रास्ते में सावधानी बरतने और अगले
साल फिर से उसे मायके बुलाने की कामना करता है.
आज तकनीकी विकास के कारंण यातायात और संचार के माध्यमों से दूरियां सिमट
चुकी हैं, आने वाली पीढी शायद बीते जमाने की उन पहाड़ी महिलाओं के
दुख-दर्द का अन्दाजा नहीं लगा पायेंगी जिन्हें अपने मायके के समाचार पाने
के लिये भी महीनों और सालों तक इन्तजार करना पड़ता था. लेकिन उम्मीद की जा
सकती है कि नेगी जी के ऐसे हृदयस्पर्शी गाने आने वाली पीढियों में भी
पहाड़ के प्रति संवेदनाओं को जिन्दा रखने में सहायक होंगे.
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भावार्थ – लाटी (प्यार भरा सम्बोधन) जल्दी से उठ, तुझे बहुत दूर अपनी
ससुराल पहुंचना है, उठ और अपने बाल संवार ले. बेटी! झट से उठ, गुस्सा मत
कर. तेरे आलस के कारण निकलने में देर हो गई तो तुझे अपने ससुराल
पहुंचते-पहुंचते रात घिर आयेगी. जदी उठ, हाथ पैर धोकर तैयार हो जाओ, मौसम
का भी कोई भरोसा नहीं है. रास्ते में भले ही तू थोड़ा आराम करने के लिये
बैठ जाना लेकिन रास्ते में मिलने वाले लोगों से बातचीत ही करते न रह
जाना. तुझे अकेली जाना है, इसलिये अपना ध्यान रखना और आराम से जाना.
यदि भगवान की कृपा से सब कुशल-मंगल रहा तो अगले साल फिर तुझे मायके
बुलाऊंगा. तू आकर कौतिक के महीने में एकाध महीने रहेगी और फिर मैं तुझे
कुछ भेंट, दान-दहेज देकर विदा करूंगा.
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बिजी जा दी लाटी, बिजी जा दी लाटी
पैठ दूर- च सैसुर, गाड स्युंदी पाटी
बिजी जा दी लाटी….
खड़ हो बेटि पैट लेदि, खिजेणुं नि खाणुं - खड़ हो बेटि पैट लेदि, खिजेणुं नि खाणुं
पेटद-पेटद त्वैकु रात पोड़ि जाणुं
बिजी जा दी लाटी
पैठ दूर- च सैसुर, गाड स्युंदी पाटी
बिजी जा दी लाटी……….
सल्पट्ट कैर झट्ट, हाथ खुट्टि ध्वै ले - सल्पट्ट कैर झट्ट, हाथ खुट्टि ध्वै ले
डाण्ड वारि बथों छ्वारि, सिनकोळि जै ले
बिजी जा दी लाटी
पैठ दूर- च सैसुर, गाड स्युंदी पाटी
बिजी जा दी लाटी……….
बिसोंण बिसेलि बाटा, छुयुं मां ना रेईं - बिसोंण बिसेलि बाटा, छुयुं मां ना रेईं
यकुलि छे डेरि ना ब्वै, माठु-माठु जेईं
बिजी जा दी लाटी
पैठ दूर- च सैसुर, गाड स्युंदी पाटी
बिजी जा दी लाटी……….
सुख राल हैंका साल त्वै मैत बुलोंलु - सुख राल हैंका साल त्वै मैत बुलोंलु
कौतिक ए मैनाध रे, दौंण दैज दयोलु
बिजी जा दी लाटी
पैठ दूर- च सैसुर, गाड स्युंदी पाटी
बिजी जा दी लाटी……….
बिजी जा दी लाटी
पैठ दूर- च सैसुर, गाड स्युंदी पाटी
बिजी जा दी लाटी……….
---------
Biji ja di laati, Biji ja di laati,
Paith door- cha saisur, Gaad syundi paati
Biji ja di laati,….
Khad ho beti pait ledi, khijenu ni khaanu - Khad ho beti pait ledi,
khijenu ni khaanu
Petad-petad tvaiku raat podi jaanu
Biji ja di laati, Biji ja di laati,
Paith door- cha saisur, Gaad syundi paati
Biji ja di laati,….
Salpatt kair jhatt, haath khutti dhvai le - Salpatt kair jhatt, haath
khutti dhvai le
Daand vaari bato chhvaari, sinkoli jai le
Biji ja di laati, Biji ja di laati,
Paith door- cha saisur, Gaad syundi paati
Biji ja di laati,….
Bison biseli baata, chhuyu maa ni rei - Bison biseli baata, chhuyu maa ni rei
Yakuli chhe deri na bvai, maathu-maathu jei
Biji ja di laati, Biji ja di laati,
Paith door- cha saisur, Gaad syundi paati
Biji ja di laati,….
Sukh raalo hainka saal tvai mait bulolu - Sukh raalo hainka saal tvai
mait bulolu
Kautik ai mainaadh re, daun daij dyolu
Biji ja di laati, Biji ja di laati,
Paith door- cha saisur, Gaad syundi paati
Biji ja di laati,….
Biji ja di laati, Biji ja di laati,
Paith door- cha saisur, Gaad syundi paati
Biji ja di laati,….
ब्यो छ” में आया था.
एक नवविवाहिता अपने मायके आई है, अब उसके वापस
ससुराल जाने का दिन आ पहुंचा है. नवविवाहिता अभी किशोरावस्था में ही है,
उसे पैदल ही ससुराल तक जाना है और साथ में कोई परिचित भी नहीं है. इस दशा
में युवती के पिता की चिन्ता स्वाभाविक है. युवती का पिता उसे सुबह जल्दी उठकर
तैयारी करने के लिये कहता है, साथ ही रास्ते में सावधानी बरतने और अगले
साल फिर से उसे मायके बुलाने की कामना करता है.
आज तकनीकी विकास के कारंण यातायात और संचार के माध्यमों से दूरियां सिमट
चुकी हैं, आने वाली पीढी शायद बीते जमाने की उन पहाड़ी महिलाओं के
दुख-दर्द का अन्दाजा नहीं लगा पायेंगी जिन्हें अपने मायके के समाचार पाने
के लिये भी महीनों और सालों तक इन्तजार करना पड़ता था. लेकिन उम्मीद की जा
सकती है कि नेगी जी के ऐसे हृदयस्पर्शी गाने आने वाली पीढियों में भी
पहाड़ के प्रति संवेदनाओं को जिन्दा रखने में सहायक होंगे.
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भावार्थ – लाटी (प्यार भरा सम्बोधन) जल्दी से उठ, तुझे बहुत दूर अपनी
ससुराल पहुंचना है, उठ और अपने बाल संवार ले. बेटी! झट से उठ, गुस्सा मत
कर. तेरे आलस के कारण निकलने में देर हो गई तो तुझे अपने ससुराल
पहुंचते-पहुंचते रात घिर आयेगी. जदी उठ, हाथ पैर धोकर तैयार हो जाओ, मौसम
का भी कोई भरोसा नहीं है. रास्ते में भले ही तू थोड़ा आराम करने के लिये
बैठ जाना लेकिन रास्ते में मिलने वाले लोगों से बातचीत ही करते न रह
जाना. तुझे अकेली जाना है, इसलिये अपना ध्यान रखना और आराम से जाना.
यदि भगवान की कृपा से सब कुशल-मंगल रहा तो अगले साल फिर तुझे मायके
बुलाऊंगा. तू आकर कौतिक के महीने में एकाध महीने रहेगी और फिर मैं तुझे
कुछ भेंट, दान-दहेज देकर विदा करूंगा.
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बिजी जा दी लाटी, बिजी जा दी लाटी
पैठ दूर- च सैसुर, गाड स्युंदी पाटी
बिजी जा दी लाटी….
खड़ हो बेटि पैट लेदि, खिजेणुं नि खाणुं - खड़ हो बेटि पैट लेदि, खिजेणुं नि खाणुं
पेटद-पेटद त्वैकु रात पोड़ि जाणुं
बिजी जा दी लाटी
पैठ दूर- च सैसुर, गाड स्युंदी पाटी
बिजी जा दी लाटी……….
सल्पट्ट कैर झट्ट, हाथ खुट्टि ध्वै ले - सल्पट्ट कैर झट्ट, हाथ खुट्टि ध्वै ले
डाण्ड वारि बथों छ्वारि, सिनकोळि जै ले
बिजी जा दी लाटी
पैठ दूर- च सैसुर, गाड स्युंदी पाटी
बिजी जा दी लाटी……….
बिसोंण बिसेलि बाटा, छुयुं मां ना रेईं - बिसोंण बिसेलि बाटा, छुयुं मां ना रेईं
यकुलि छे डेरि ना ब्वै, माठु-माठु जेईं
बिजी जा दी लाटी
पैठ दूर- च सैसुर, गाड स्युंदी पाटी
बिजी जा दी लाटी……….
सुख राल हैंका साल त्वै मैत बुलोंलु - सुख राल हैंका साल त्वै मैत बुलोंलु
कौतिक ए मैनाध रे, दौंण दैज दयोलु
बिजी जा दी लाटी
पैठ दूर- च सैसुर, गाड स्युंदी पाटी
बिजी जा दी लाटी……….
बिजी जा दी लाटी
पैठ दूर- च सैसुर, गाड स्युंदी पाटी
बिजी जा दी लाटी……….
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Biji ja di laati, Biji ja di laati,
Paith door- cha saisur, Gaad syundi paati
Biji ja di laati,….
Khad ho beti pait ledi, khijenu ni khaanu - Khad ho beti pait ledi,
khijenu ni khaanu
Petad-petad tvaiku raat podi jaanu
Biji ja di laati, Biji ja di laati,
Paith door- cha saisur, Gaad syundi paati
Biji ja di laati,….
Salpatt kair jhatt, haath khutti dhvai le - Salpatt kair jhatt, haath
khutti dhvai le
Daand vaari bato chhvaari, sinkoli jai le
Biji ja di laati, Biji ja di laati,
Paith door- cha saisur, Gaad syundi paati
Biji ja di laati,….
Bison biseli baata, chhuyu maa ni rei - Bison biseli baata, chhuyu maa ni rei
Yakuli chhe deri na bvai, maathu-maathu jei
Biji ja di laati, Biji ja di laati,
Paith door- cha saisur, Gaad syundi paati
Biji ja di laati,….
Sukh raalo hainka saal tvai mait bulolu - Sukh raalo hainka saal tvai
mait bulolu
Kautik ai mainaadh re, daun daij dyolu
Biji ja di laati, Biji ja di laati,
Paith door- cha saisur, Gaad syundi paati
Biji ja di laati,….
Biji ja di laati, Biji ja di laati,
Paith door- cha saisur, Gaad syundi paati
Biji ja di laati,….